शनिवार, मार्च 28, 2009

यारो मुझे मुआफ़ करो मैं नशे में हूँ / हसरत जयपुरी

यारो मुझे मु'आफ़ करो मैं नशे में हूँ
अब थोड़ी दूर साथ चलो मैं नशे में हूँ

जो कुछ भी कह रहा हूँ नशा बोलत है ये
इसका न कुछ ख़याल करो मैं नशे में हूँ

उस मैकदे की राह मे गिर जाऊँ न कहीं
अब मेरा हाथ थाम तो लो मैं नशे में हूँ

मुझको तो अपने घर का पता याद ही नहीं
तुम मेरे आस पास रहो मैं नशे में हूँ

कैसी गुज़र रही है मुहब्बत में ज़िंदगी
कुछ अपना हाल कहो मैं नशे में हूँ

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