शुक्रवार, मई 29, 2009

सुनो ख़ुश-बख़्त लोगो! लम्हए-नायाब आया है

सुनो ख़ुश-बख़्त लोगो! लम्हए-नायाब आया है

ज़मीं पर पैरहन पहने बिना महताब आया है।


बना सकता है तुममें कोई काग़ज़-नाव बतलाओ

सुना है शहर में, ऎ शहरियो सैलाब आया है।

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