मंगलवार, मई 05, 2009

'ये तेरा कैसा अंदाज़ !' - सौरभ कुणाल

दर्द देकर दवा लगाना
बात करके ज़हर पिलाना
फैला है दिल में तेरा एहसास
ये तेरा कैसा अंदाज़ !

कभी तेरा खामोश रहना
कभी बोलने की जिद
कभी निगाहों में मुझे बसाना
कभी आंखों में बेरुखी

मेरी आंखें चकाचौंध
तेरा तीक्ष्ण प्रकाश
ये तेरा कैसा अंदाज़ !

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