रविवार, मार्च 07, 2010

तुमने मुझसे बेवफ़ाई की

हम दोनों के बीच
ऐसा कोई रिश्ता ना था
तेरे शानों पर
कोई छत ना थी
मेरे ज़िम्मे
कोई आंगन ना था।
मेरा कोई वादा
तेरी ज़ंजीर बनने ना पाया
किसी इक़रार ने
मेरी कलाई को नहीं थामा।
हवाओं की तरह
तू पूरी तरह आज़ाद था
रास्ते भी थे
तेरी मर्ज़ी के मुताबित
देखा जाये तो
मैं अपनी तन्हाई से खुश था।
मगर जब आज
तूने रास्ता बदला
तो कुछ ऐसा लगा
मुझको कि जैसे
तुमने मुझसे बेवफ़ाई की।।