नशा करने को बुरा नहीं मानता मैं,
नशे में रहने को बुरा मानता हं।
आपकी शराब सुने तो नहीं है बुरा,
आप शराब की सुनो तो बुरा मानता हं।।
पूरी रचना जल्द ही आप पढ़ सकेंगे....
सोमवार, अप्रैल 27, 2009
शराब : एक अंतर्द्वन्द्व
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2 टिप्पणियाँ:
bhai kab aayegi poori rachna
जल्द ही मिल जाएगी भाई...
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