शनिवार, दिसंबर 05, 2009

भारत में 'सुपर चाइल्ड यूनिवर्सिटी' सचिन, शाह रुख़, कलाम जैसे बच्चे पैदा करें...

अगर आप चाहते है कि आपका बच्चा सचिन तेंदुलकर जैसा बल्लेबाज बने या शाहरुख़ खान जैसा अभिनेता बने या फिर अब्दुल कलम जैसा जीनियस साइंटिस्ट, तो अब ये सब संभव है| अब आप अपने बच्चों का भविष्य अपने हाथों से लिख सकते है। आप जैसा चाहें वैसा बच्चा पैदा कर सकते हैं| वैसे तो सुनने में ये नामुमकिन लगता है लेकिन गांधीनगर में शुरू हुई super child university के प्रयास ने इस नामुमकिन को मुमकिन करने की ठान ली है|

एक समय था जब माता पिता अपने बच्चों को उत्तम शिक्षा देकर उन्हें कामयाबी के शिखर पर पहुचांने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते थे, लेकिन अब गांधीनगर की एक संस्था नवपरिणित युगलों को जन्म से ही सुपर चाइल्ड देने का वादा कर रही है | पश्चिम में सुप्रजनन शास्त्र ( यूजेनिक्स ) की शुरुआत अठारवीं सदी में हुई थी। भारत में सुप्रजनन के सिद्धांत प्राचीन काल से अस्तित्व में थे | इसकी जानकारी धर्म शास्त्र , काम शास्त्र और आयुर्वेद में मिलती है। भारत में सुप्रजनन शास्त्र को अखंड एवं स्वतंत्र शास्त्र के रूप में आज तक विकसित नहीं किया गया है |
 
ये तो सबको पता है कि अभिमन्यु ने अपनी माता के पेट में ही कृष्ण से ज्ञान ग्रहण किया था और महाभारत के युद्ध के समय अपने मामा से लिए इसी ज्ञान के आधार पर चक्रव्यूह का भेदन किया था | इस बात को हमने सिर्फ कहानी का किस्सा समझा था लेकिन ये सत्य है कि भारत में प्राचीन काल में गर्भ विज्ञान विकसित था। उस समय भारत समग्र विश्व में जगतगुरु के रूप में स्थापित था | लेकिन समय के चलते भारत में सुप्रजनन विद्या विस्मृत हो गयी और आज लगभग सब उसे भुला चुके हैं |

सुप्रजनन वह शास्त्र है , जिस पर यदि संपूर्ण ध्यान दिया जाए तो भारत में पुनः स्वर्णयुग प्रारंभ हो सकता है | इस शास्त्र में इतनी जबरदस्त संभावनाए है कि आगामी बीस सालों में ये समग्र भारत की कायापलट कर सकता है | गांधीनगर स्थित विश्व कल्याण संस्था ने maharshee prahlad super child university की स्थापना कर ऐसा ही एक प्रयास किया है | आज के जमाने में बच्चों को जन्म के बाद ही शिक्षा दी जाती है लेकिन super child university में नवविवाहित जोड़े की शादी के तुंरत बाद ही सुपर चाइल्ड पाने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है | यहां दी जाने वाली ये ट्रेनिंग प्राचीन भारतीय ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के आधार पर दी जाती है |
 
इस संस्था के शुरू होने से पहेले Charak sahita, Shrushut sahita, Astang Hriday और अन्य Ayurvedic साहित्य और latest genetic science का गहन अध्ययन किया गया है | यहां दी जाने वाली ट्रेनिंग प्राचीन भारतीय ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के आधार पर दी जाती है। जिससे अगर एक couple चाहे तो एक असाधारण गुणों के साथ कोई बच्चा दुनिया में आ सकता है |  
 
यहां पर नवदम्पतियों को श्रेष्ठ बालक प्राप्त करने के लिए गर्भाधान से पहले ,गर्भाधान के दौरान और संतान प्राप्ति के बाद ऐसे तीन हिस्सों में विशिष्ट पद्धति से प्रशिक्षित किया जाता है | सुपर चाइल्ड के इच्छुक जोडों को संस्था में एक हफ्ते के लिए रहना पड़ता है। पहले उनसे पूछा जाता है कि वो किस तरह का बच्चा चाहते है ,उसके बाद उन्हें आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन दिया जाता है| एक हफ्ते के दौरान दी गई ट्रेनिंग के मुताबिक घर जाकर प्रैक्टिस करनी पड़ती है | गर्भ रहने के कुछ समय बाद फिर उन्हें यहां एक हफ्ते के लिए बुलाया जाता है और माता के गर्भ में शिशु को किस तरह की शिक्षा देना चाहिए उसकी ट्रेनिंग दी जाती है| ये पता है कि कि गर्भ में शिशु बाहरी दुनिया का ज्ञान लेने के लिए ग्रहणशील होता है और वो अपने आप सीखना शुरू कर देता है, इसलिए यहां पर इन जोडों को गर्भावस्था के दौरान बच्चे को ज्ञान देना जारी रखने के लिए कहा जाता है | बच्चे के जन्म के बाद तय उम्र पर उसके सर्वांगी विकास के लिए classes ली जाती है |
 
साथ ही इस isntitute में Genome Development and Research Centre (GDRC) को भी डेवलप किया जा रहा है जहाँ couples का सुपर चाइल्ड देने के उदेश्य से संशोधन किया जायेगा | यहां पर निर्मित लेटेस्ट जेनेटिक लैब पुरुष बिज तथा स्त्री बिज में निहित अशुद्धियों ,अवगुणों और अपूर्णताओं को दूर कर अतिशुद्ध ,परिशुद्ध पुरुष बिज एवं स्त्री बिज बनाएगी जिससे नव दंपति वैज्ञानिक पद्धति से श्रेष्ठ संतान प्राप्त कर सके | तो दूसरी तरफ नवदम्पतियों के लिए अद्यतन आश्रम का भी निर्माण किया जा रहा है |
 
हर कोई चाहता है की उनका बच्चा सुपर चाइल्ड हो , और यहां पर एक हफ्ते तक ट्रेनिंग ले चुके लोगों को लगता है कि उनका बच्चा सुपर चाइल्ड होगा | हालांकि इस इंस्टिट्यूट के शुरू होने से पहले शायद उन्हें ये संभव नहीं लगता था | यहां उन्हें सिखाया जाता है कि अगर वो एक सुपर चाइल्ड चाहते हैं तो उन्हें दैनिक जीवन में क्या बदलाव लाने होंगे , उन्हें क्या खाना चाहिए , क्या पीना चाहिए, यहाँ तक कि उन्हें क्या सोचना चाहिए|
 
super child university का ये प्रयास अगर सफल रहा तो हो सकता है की अगले कुछ सालों में भारत अमेरिका और जापान से भी आगे निकल जाएगा। हर माता पिता अपनी इच्छा के अनुसार सुपर चाइल्ड को जन्म दे पाएंगे| महाभारत ,रामायण जैसे पौराणिक महाकाव्यों या ऐतिहासिक ग्रंथो और कहानियों में सुने और पढ़े हुए किस्से अब सच बनकर सामने आएंगे। कुंती की तरह अब हर मां अपनी इच्छा के अनुसार एक सुपर चाइल्ड को जन्म दे पाएगी |
--

1 टिप्पणियाँ:

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत खूब, लाजबाब ! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !