शुक्रवार, मार्च 27, 2009

मुझे देख के हँसती है दुनिया - राहत इन्दौरी

वो इक इक बात पर रोने लगा था

समन्दर आबरू खोने लगा था

लगे रहते थे सब दरवाज़े , फिर भी मैं

आँखें खोल कर सोने लगा था

चुराता हूँ अब आँखें आईनों से

खुदा का सामना होने लगा था

वो अब आईने धोता फिर रहा है

उसे चहरों पे शक होने लगा था

मुझे अब देख के हँसती है दुनिया

मैं सब के सामने रोने लगा था

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