बहुत प्यार से
बाद मुद्दत के
जब से किसी शख़्स ने चाँद कहकर बुलाया है
तब से
अंधेरों की खूगर निगाहों को
हर रोशनी अच्छी लगने लगी है
सोमवार, फ़रवरी 22, 2010
इस्म
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
बहुत प्यार से
बाद मुद्दत के
जब से किसी शख़्स ने चाँद कहकर बुलाया है
तब से
अंधेरों की खूगर निगाहों को
हर रोशनी अच्छी लगने लगी है
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें