कोई किसी से खुश हो और वो भी बारहा हो
यह बात तो गलत है
रिश्ता लिबास बन कर मैला नहीं हुआ हो
यह बात तो गलत है
वो चाँद रहगुज़र का, साथी जो था सफर का
था मोजिज़ा नज़र का
हर बार की नज़र से रौशन वह मोजिज़ हो
यह बात तो गलत है
है बात उसकी अच्छी, लगती है दिल को सच्ची
फिर भी है थोड़ी कच्ची
जो उसका हादिसा है मेरा भी तजरुबा हो
यह बात तो गलत है
दरिया है बहता पानी, हर मौज है रवानी
रुकती नहीं कहानी
जितना लिखा गया है उतना ही वाकिआ हो
यह बात तो ग़लत है
वे युग है कारोबरी, हर शय है इशतहारी
राजा हो या भिखारी
शोहरत है जिसकी जितनी, उतना ही मर्तवा हो
यह बात तो गलत है
सोमवार, मई 11, 2009
यह बात तो गलत है
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