सोमवार, मई 04, 2009

दर्द अपनाता है पराए कौन

दर्द अपनाता है पराए कौन
कौन सुनता है और सुनाए कौन



कौन दोहराए वो पुरानी बात
ग़म अभी सोया है जगाए कौन



वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं
कौन दुख झेले आज़माए कौन



अब सुकूँ है तो भूलने में है
लेकिन उस शख़्स को भुलाए कौन



आज फिर दिल है कुछ उदास उदास
देखिये आज याद आए कौन

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