उदासी दर्द हैरानी इधर भी है उधर भी है
अभी तक बाढ़ का पानी इधर भी है उधर भी है
वहाँ हैं त्याग की बातें, इधर हैं मोक्ष के चर्चे
ये दुनिया धन की दीवानी इधर भी है उधर भी है
क़बीले भी कहाँ ख़ामोश रहते थे जो अब होंगे
लड़ाई एक बेमानी इधर भी है उधर भी है
समय है अल्विदा का और दोनों हो गए गुमसुम
ज़रा-सा आँख मेम पानी इधर भी है उधर भी है
हुईं आबाद गलियाँ, हट गया कर्फ़्यू, मिली राहत
मगर कुछ-कूछ पशेमानी इधर भी है उधर भी है
हमारे और उनके बीच यूँ तो सब अलग-सा है
मगर इक रात की रानी इधर भी है उधर भी है
सोमवार, मार्च 08, 2010
उदासी दर्द हैरानी इधर भी है उधर भी है
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