शुक्रवार, मई 29, 2009

सबसे जुदा हूँ मैं भी, अलग तू भी सबसे है

सबसे जुदा हूँ मैं भी, अलग तू भी सबसे है

इस सच का एतराफ़ ज़माने को कब से है।


फिर लोग क्यों हमारा कहा मानते नहीं

सूरज को ख़ौफ़-सायए-दीवारे-शब से है।

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