खुदारा ! न दो बदगुमानी का मौक़ा।
कहलवा के औरों से पैग़ाम अपना॥
हविसकार आशिक भी ऐसा है जैसे--
वह बन्दा कि रख ले ख़ुदा नाम अपना॥
शनिवार, मार्च 13, 2010
खुदारा ! न दो बदगुमानी का मौक़ा
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
खुदारा ! न दो बदगुमानी का मौक़ा।
कहलवा के औरों से पैग़ाम अपना॥
हविसकार आशिक भी ऐसा है जैसे--
वह बन्दा कि रख ले ख़ुदा नाम अपना॥
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें