गुरुवार, फ़रवरी 18, 2010

कितना काम करेंगे

कितना काम करेंगे
अब आराम करेंगे



तेरे दिये हुए दुख
तेरे नाम करेंगे



अहल-ए-दर्द ही आख़िर
ख़ुशियाँ आम करेंगे



कौन बचा है जिसे वो
ज़ेर-ए-दाम करेंगे



नौकरी छोड़ के "नासिर"
अपना काम करेंगे

0 टिप्पणियाँ: