मुश्किल से मुझको आपके घर का पता लगा
घर का पता लगा तो हुनर का पता लगा
अंकों के अर्थ शून्य ने आकर बदल दिए
भारत से सारे जग को सिफ़र का पता लगा
जंगल को छोड़ना ही सुरक्षित लगा उसे
चीते को जब से शेरे-बबर का पता लगा
उसने निकाह करने से इन्कार कर दिया
जब उसको तीन लाख मेहर का प्ता लगा
कितने हज़ार डर हैं हरएक आदमी के साथ
क्या आपको भी आपके डर का पता लगा?
टिड्डी दलों -से टूट पड़े चींटियॊं के दल
जैसे ही चींटियॊ को शकर का पता लगा
मंत्रों की शक्ति पर मुझे विश्वास हो गया
जब से मुझे ग़ज़ल के असर का पता लगा
शनिवार, फ़रवरी 20, 2010
मुश्किल से मुझको आपके घर का पता लगा
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें