शनिवार, फ़रवरी 20, 2010

हो गए हैं लक्ष्य सब ओझल विवादों में

हो गए हैं लक्ष्य सब ओझल विवादों में
आदमी उलझा रहा केवल विवादों में

लोग संसद में विगत सैंतीस वर्षों से
कर रहे हैं भुखमरी को हल विवादों में

आपने देखे नहीं दो सम्प्रदायों के
लोग हो जाते हैं जब पागल विवादों में

कोर्ट में वादी व प्रतिवादी बहस के बीच
न्याय होता है बहुत घायल विवादों में

अब वहाँ पर बाँध बँध पाना असम्भव है
फँस गया है उस नदी का जल विवादों में

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