यह शहर कब रुका है सड़कों पर
आदमी भागता है सड़कों पर
पूरी बेरोजगार पीढ़ी की
दौड़-प्रतियोगिता है सड़कों पर
इसलिए घर-मकान निर्जन है
क्योंकि मेला लगा है सड़कों पर
मन में डर है कहीं भी लुटने का
सहमी-सहमी हवा है सड़कों पर
सड़कें सड़कों में हो रही हैं गुम
आदमी लापता है सड़कों पर
इन्द्रधनुषी किशोर सपनों का
आईना टूटता है सड़कों पर
गूँगा आक्रोश बंद कमरों का
कूद कर आ गया है सड़कों पर
शनिवार, फ़रवरी 20, 2010
यह शहर कब रुका है सड़कों पर
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