शनिवार, फ़रवरी 20, 2010

जिधर कामनाएँ थीं, वे अपने मन के आधीन हुए

जिधर कामनाएँ थीं, वे अपने मन के आधीन हुए
फिर माया-जल में ही जीवित रहने वाली मीन हुए

वे विनम्र हो कर भी दिख सकते थे खूब स्वाभिमानी
अति विनम्रता के कारण वे हद से ज़्यादा दीन हुए

खेल-खेल में दिल का सौदा कर बैठी थी वो लड़की
बात बढ़ी तो ऐसे ही मसले बेहद संगीन हुए

राजनीति में सत्ता वाली कुर्सी कम मिल पाती है
इसी लिए वे सत्ता वालों के घर की कालीन हुए

तुमने दो से चार बनाए और चार से आठ किए
हम तो हम थे-एक हुए,दो हुए और फिर तीन हुए

वे अफ़सर थे उन्हें मुफ़्त मे मिल जाती थी लाल-परी
इसी लिए वे धीरे-धीरे परियों के शौकीन हुए

यूँ तो उम्र हमारी है चालीस बरस से कुछ ऊपर
हम कबीर शैली में लिखने के कारण प्राचीन हुए

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