धड़कता रहता है दिल साँस चलती रहती है
नदी हमेशा लहू में उछलती रहती है
मैं ठोस रहना भी चाहूँ तो रह नहीं पाता
वो हिम की शैली में पल-पल पिघलती रहती है
ये राजनीति है - इसमें कई अजूबे हैं
समुद्र-जल में यहाँ दाल गलती रहती है
तमाम लोग उसे छल रहे हैं धन दे कर
वो रूप रंग से लोगों को छलती रहती है
मैं जो कहूँगा- वही बात मान लोगे तुम
मुझे तुम्हारी यही बात खलती रहती है
सिखा दिया है उसे ठोकरों ने चलना भी
वो गिरती रहती है गिर कर सम्हलती रहती है
मैं जानता हूँ कि चश्मा बदलने वाला है
समय के साथ, नज़र भी बदलती रहती है.
शनिवार, फ़रवरी 20, 2010
धड़कता रहता है दिल साँस चलती रहती है
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