क्या कहे अखबार वालों से व्यथा औरत
यौन शोषण की युगों लम्बी कथा औरत
अपहरण कर ले गए रावण कभी बिल्ला
कल सिया तो आज गीता चोपड़ा औरत
आज भी मामा या सौतेले पिता के हाथ
बेच दी जाती है बूढ़े को युवा औरत
एक कवि ही था, कहा जिसने उसे ‘श्रद्धा’
आम मर्दों ने सदा ली अन्यथा औरत
कल सती हो कर जली थी आज पति के हाथ
बन गई जीवित जलाने की ‘प्रथा’ औरत
शनिवार, फ़रवरी 20, 2010
क्या कहे अखबार वालों से व्यथा औरत
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